Pandit | Pandit Online
top of page

अथ कोजागरा-लक्ष्मीपूजा

पूजन सामग्री

  • शुद्ध मिट्टी (महादेव का स्वरुप बनावें)     

  •  कुश (तेकुशा),अनामिका(कुश,ताँबा) अँगुली में धारण करने वाला

  • गंगाजल

  • अक्षत (वासमती चावल)

  • श्रीखण्ड चंदन (उजला चंदन)

  • रक्त चंदन (लाल चंदन)

  • चन्द्रौटा (छोटा प्लेट)

  • अर्घा (छोटा ग्लास)

  • पञ्चपात

  • आचमनि

  • घण्टी

  • सराई

  • लाल सिन्दूर

  • फूलक माला

  • तुलसी माला

  • बेलपत्र

  • दुर्वा(दुइव)

  • धूप

  • दीप

  • पान

  • सुपाड़ी(कसैली)

  • पंचमेवा (मिठाई)

  • पाकल केरा

  • पंचामृत(दुध,दही,घी,मधु, शक्कर)

  • जनेऊ

  • कर्पूर  

  • घी  

  • दक्षिणा-द्रव्य 

  • केला पत्ता

  • शंख

  • नया वस्त्र

आश्विनीपूर्णिमायां प्रदोषे लक्ष्मीं पूजयेत्।तत्र सर्वाणि गृहाणि आवाससमीपमार्गाश्च परिष्करणीयाः।शरीरं चन्दनादिना भूषयितव्यम्।स्त्रीबालवृद्धमूर्खान् विहाय अन्यैः दिने न भोक्तव्यम्।प्रदोषसमये द्वारोर्ध्वभित्तौ-हव्यवाहन-पूर्णेन्दु-सभार्यरुद्र-स्कन्द-नन्दीश्वरमुनि-सुरभि-निकुम्भ-लक्ष्मी-इन्द्र-कुवेरा एते पूज्याः। येषां मेषा भवन्ति तैर्वरुणः पूजनीयः।येषां हस्तिनो भवन्ति तैर्विनायकः पूजनीयः।येषामश्वास्तै रेमन्तः पूजनीयः।येषां गवास्तैः सुरभिः पूज्या।

आश्विन पूर्णिमा को सायं काल में लक्ष्मी पूजन करें।उस दिन घर के साथ पुरे परिसर तथा मार्गादि को स्वच्छ करें। शरीर में चन्दनादि सुगन्धित पदार्थ का लेपन करें। स्त्री-बाल-वृद्ध और मूर्ख को छोरकर सबलोग दिन में भोजन न करें। सायं काल में स्नानादि पवित्र होकर पूजन करें।(उपर विधान तो केवल धनवान व्यक्तियों के लिए किया गया है, किन्तु लक्ष्मी में श्रद्धा रखने वाले प्रत्येक जनों को पूजन करना चाहिए)।

 

अथ पूजाविधिः-

तत्र कृतनित्यक्रियो व्रती शुभासने उपविश्य पूजामारभेत्।

सायं काल में व्रती नित्यक्रियादि से निवृत्त होकर आसन पर बैठकर पूजा प्रारम्भ करें।

गणपत्यादिपूजा-

पञ्चदेवतापूजाः - रात्रि में गणपत्यादिपंचदेवता की पूजा का विधान है।

 

त्रिकुशहस्तः अक्षतान्यादायः- ऊँ भूर्भुवः स्वः गणपत्यादिदिपञ्चदेवताः इहागच्छत इह तिष्ठत

दाहिने हाथ में तेकुशा तथा अक्षत  लेकर ये मंत्र पढेगें - इसे केले के पत्ते पर उपर से बाएं तरफ रखते हुए ये मंत्र पढेगें - ऊँ भूर्भुवः स्वः गणपत्यादिदिपञ्चदेवताः इहागच्छत इह तिष्ठत

इत्यावाह्य एतानि पाद्यार्घाचमनीय-स्नानीय पुनराचमनीयानि ऊँ गणपत्यादिदिपञ्चदेवताभ्यो नमः

अर्घा में जल  लेकर  ये मंत्र पढेगें - एतानि पाद्यार्घाचमनीय-स्नानीय पुनराचमनीयानि ऊँ गणपत्यादिदिपञ्चदेवताभ्यो नमः

 

चन्दन  - इदमनुलेपनम् ऊँ गणपत्यादिदिपञ्चदेवताभ्यो नमः।

दाहिने हाथ से फूल में चन्दन  लगाकर ये मंत्र  पढेंगे - ऊँ गणपत्यादिदिपञ्चदेवताभ्यो नमः।

 

अक्षत - इदमक्षतम्   ऊँ गणपत्यादिदिपञ्चदेवताभ्यो नमः

दाहिने हाथ में अक्षत लेकर ये मंत्र  पढेंगे- इदमक्षतम्   ऊँ गणपत्यादिदिपञ्चदेवताभ्यो नमः

 

फूल – इदं पुष्पं/ एतानि पुष्पाणि ऊँ गणपत्यादिदिपञ्चदेवताभ्यो नमः

दोनों हाथों को जोड़ते हुए फूल/फूलों को   लेकर  भगवान् का ध्यान करते हुए ये मंत्र  पढेंगें-  इदं पुष्पं/ एतानि पुष्पाणि ऊँ गणपत्यादिदिपञ्चदेवताभ्यो नमः

 

बिल्वपत्र – इदं बिल्वपत्रं/ एतानि बिल्वपत्राणि ऊँ गणपत्यादिदिपञ्चदेवताभ्यो नमः

एक बेलपत्र/बेलपत्रों को  लेकर ये मंत्र  पढेंगे- इदं बिल्वपत्रं/ एतानि बिल्वपत्राणि ऊँ गणपत्यादिदिपञ्चदेवताभ्यो नमः

 

दूर्वा ( दूबि) - इदं दूर्वादलं  / एतानि दूर्वादलानि ऊँ गणपत्यादिदिपञ्चदेवताभ्यो नमः

एक दूर्वा/ अनेक दूर्वा को लेकर ये मंत्र पढेंगे - इदं दूर्वादलं  / एतानि दूर्वादलानि ऊँ गणपत्यादिदिपञ्चदेवताभ्यो नमः

एतानि गन्ध-पुष्प-धूप-दीप-ताम्बूल-यथाभाग-नानाविधनैवेद्यानि ऊँ गणपत्यादिदिपञ्चदेवताभ्यो नमः

अर्घा में जल लेकर  ये मंत्र पढेंगे - एतानि गन्ध-पुष्प-धूप-दीप-ताम्बूल-यथाभाग-नानाविधनैवेद्यानि ऊँ गणपत्यादिदिपञ्चदेवताभ्यो नमः

जल – इदमाचमनीयम्   ऊँ गणपत्यादिदिपञ्चदेवताभ्यो नमः ।

अर्घा में जल को लेकर  ये मंत्र  पढेंगे - इदमाचमनीयम्   ऊँ गणपत्यादिदिपञ्चदेवताभ्यो नमः ।

 

पुष्प - एष पुष्पाञ्जलिः- ऊँ गणपत्यादिदिपञ्चदेवताभ्यो नमः ।

फूल  हाथ में लेकर भगवान् का ध्यान करते हुए ये मंत्र  पढेंगे - ऊँ गणपत्यादिदिपञ्चदेवताभ्यो नमः ।

विष्णुपूजा –

 

यव-तिलान्यादाय - ऊँ भूर्भुवः स्वः भगवन् श्रीविष्णो इहागच्छ इह तिष्ठ।

दाहिने हाथ में तिल लेकर ये मंत्र  पढेंगे ,इसे  केले के  पत्ते पर ऊपर से बाएं रखते हुए ये मंत्र पढेगें - ऊँ भूर्भुवः स्वः भगवन् श्रीविष्णो इहागच्छ इह तिष्ठ।

 

जल - एतानि पाद्यार्घाचमनीय स्नानीय पुनराचमनीयानि ऊँ भगवते श्रीविष्णवे नमः

अर्घा में जल  लेकर  ये मंत्र  पढेंगे - एतानि पाद्यार्घाचमनीय स्नानीय पुनराचमनीयानि ऊँ भगवते श्रीविष्णवे नमः

 

चन्दन - इदमनुलेपनम्  ऊँ भगवते श्रीविष्णवे नमः

दाहिने हाथ से फूल में चन्दन  लगाकर ये मंत्र  पढेंगे - इदमनुलेपनम्  ऊँ भगवते श्रीविष्णवे नमः

 

तिल - एते तिलाः  ऊँ भगवते श्रीविष्णवे नमः

दाहिने हाथ में तिल लेकर ये मंत्र  पढेंगे - एते तिलाः  ऊँ भगवते श्रीविष्णवे नमः

 

पुष्प - इदं पुष्पं/ एतानि पुष्पाणि ऊँ भगवते श्रीविष्णवे नमः ।

दोनों हाथों को जोड़ते हुए फूल/फूलों को   लेकर  भगवान् का ध्यान करते हुए ये मंत्र  पढेंगे -  इदं पुष्पं/ एतानि पुष्पाणि

 

ऊँ भगवते श्रीविष्णवे नमः ।  तुलसीपत्र - इदं तुलसीपत्रं / एतानि तुलसीपत्राणि ऊँ भगवते श्रीविष्णवे नमः ।

एक तुलसीपत्र/तुलसीपत्रों को  लेकर ये मंत्र  पढेंगे - - इदं तुलसीपत्रं / एतानि तुलसीपत्राणि ऊँ भगवते श्रीविष्णवे नमः ।

 

दूर्वा ( दूबि) - इदं दूर्वादलं  / एतानि दूर्वादलानि ऊँ भगवते श्रीविष्णवे नमः ।

एक दूर्वा/ अनेक दूर्वा को लेकर ये मंत्र पढेंगे - इदं दूर्वादलं  / एतानि दूर्वादलानि ऊँ भगवते श्रीविष्णवे नमः ।

जल - एतानि गन्ध-पुष्प-धूप-दीप-ताम्बूल-यथाभाग-नानाविधनैवेद्यानि ऊँ भगवते श्रीविष्णवे नमः ।

अर्घा में जल लेकर  ये मंत्र  पढेंगे - एतानि गन्ध-पुष्प-धूप-दीप-ताम्बूल-यथाभाग-नानाविधनैवेद्यानि ऊँ भगवते श्रीविष्णवे नमः ।

जल – इदमाचमनीयम्   ऊँ भगवते श्रीविष्णवे नमः ।

अर्घा में जल को लेकर  ये मंत्र  पढेंगे - इदमाचमनीयम्   ऊँ भगवते श्रीविष्णवे नमः ।

 

पुष्प - एष पुष्पाञ्जलिः ऊँ भगवते श्रीविष्णवे नमः ।

फूल  हाथ में लेकर भगवान् का ध्यान करते हुए ये मंत्र  पढेंगे - एष पुष्पाञ्जलिः ऊँ भगवते श्रीविष्णवे नमः ।

 

अथ संकल्पः-

हाथ में तेकुशा तिल जल लेकर मन्त्र पढते हुए  संकल्प करें।

कुशत्रयतिलजलान्यादाय-ओं अस्यां रात्रौ आश्विने मासि शुक्ले पक्षे पूर्णिमायां तिथौ अमुकगोत्रस्य अमुककुमारस्य मम सकल –दुखादि-दारिद्र्य-निरासपूर्वक-दीर्घायु-रारोग्य-पुत्रपौत्र-महैश्वर्य-सुख-सम्पदभि-वृद्धि-कुलाभ्युदयाद्य-भीष्टसिद्धि-पूर्वक-लक्ष्मीन्द्र-प्रीतिकामनयाऽगंदेवता-पूजा-पूर्वक-लक्ष्मीन्द्र-कुवेरपूजनमहं करिष्ये।

 

इति संकल्प्य द्वारदेशे  जलेन द्वारमभिषिच्य, गन्धपुष्पाक्षतैः-संकल्प के बाद घर के दरवाजे पर जल से पवित्र कर गन्ध-पुष्प-अक्षत लेकर पूजन करें।

  • ओं द्वारोर्ध्वभित्तिभ्यो नमः – यह मन्त्र पढकर दरवाजे पर अक्षतादि चढावें।

  • ओं द्वारदेवताभ्यो नमः - यह मन्त्र पढकर दरवाजे पर अक्षतादि चढावें।

      इति द्वारपूजां विधाय पूजास्थानमागत्य पुनः गन्धपुष्पाक्षतैः – द्वार पूजा के बाद पूजा स्थान पर आकर अक्षतादि लेकर पूजन करें।

  • ओं वास्तुपुरुषाय नमः - यह मन्त्र पढकर अक्षतादि चढावें।

      इति सम्पूज्य अक्षतानादाय – अब अक्षत लेकर पूजन प्रारम्भ करें।

हव्यवाहनपूजन-

 

त्रिकुशहस्तः अक्षतान्यादायः- ऊँ भूर्भुवः स्वः हव्यवाहन इहागच्छ इह तिष्ठ

दाहिने हाथ में तेकुशा तथा अक्षत  लेकर ये मंत्र पढेगें - इसे केले के पत्ते पर उपर से बाएं तरफ रखते हुए ये मंत्र पढेगें - ऊँ भूर्भुवः स्वः हव्यवाहन इहागच्छ इह तिष्ठ

 

इत्यावाह्य एतानि पाद्यार्घाचमनीय-स्नानीय पुनराचमनीयानि ऊँ हव्यवाहनाय नमः

अर्घा में जल  लेकर  ये मंत्र पढेगें - एतानि पाद्यार्घाचमनीय-स्नानीय पुनराचमनीयानि ऊँ हव्यवाहनाय नमः

 

चन्दन  - इदमनुलेपनम् ऊँ हव्यवाहनाय नमः

दाहिने हाथ से फूल में चन्दन  लगाकर ये मंत्र  पढेंगे -  इदमनुलेपनम् ऊँ हव्यवाहनाय नमः

 

अक्षत - इदमक्षतम्   ऊँ हव्यवाहनाय नमः

दाहिने हाथ में अक्षत लेकर ये मंत्र  पढेंगे- इदमक्षतम्   ऊँ हव्यवाहनाय नमः

 

फूल – इदं पुष्पं/ एतानि पुष्पाणि ऊँ हव्यवाहनाय नमः

दोनों हाथों को जोड़ते हुए फूल/फूलों को   लेकर  भगवान् का ध्यान करते हुए ये मंत्र  पढेंगें- इदं पुष्पं/ एतानि पुष्पाणि ऊँ हव्यवाहनाय नमः

 

बिल्वपत्र – इदं बिल्वपत्रं/ एतानि बिल्वपत्राणि ऊँ हव्यवाहनाय नमः

एक बेलपत्र/बेलपत्रों को  लेकर ये मंत्र  पढेंगे- इदं बिल्वपत्रं/ एतानि बिल्वपत्राणि ऊँ हव्यवाहनाय नमः

 

दूर्वा ( दूबि) - इदं दूर्वादलं  / एतानि दूर्वादलानि ऊँ हव्यवाहनाय नमः ।

एक दूर्वा/ अनेक दूर्वा को लेकर ये मंत्र पढेंगे - - इदं दूर्वादलं  / एतानि दूर्वादलानि ऊँ हव्यवाहनाय नमः ।

 

एतानि गन्ध-पुष्प-धूप-दीप-ताम्बूल-यथाभाग-नानाविधनैवेद्यानि ऊँ हव्यवाहनाय नमः

अर्घा में जल लेकर  ये मंत्र पढेंगे - एतानि गन्ध-पुष्प-धूप-दीप-ताम्बूल-यथाभाग-नानाविधनैवेद्यानि ऊँ हव्यवाहनाय नमः

 

जल – इदमाचमनीयम्   ऊँ हव्यवाहनाय नमः ।

अर्घा में जल को लेकर  ये मंत्र  पढेंगे - इदमाचमनीयम्   ऊँ हव्यवाहनाय नमः ।

पुष्प - एष पुष्पाञ्जलिः ऊँ हव्यवाहनाय नमः

फूल  हाथ में लेकर भगवान् का ध्यान करते हुए ये मंत्र  पढेंगे - पुष्प - एष पुष्पाञ्जलिः ऊँ हव्यवाहनाय नमः

 

पूर्णेन्दुपूजन-

 

त्रिकुशहस्तः अक्षतान्यादायः- ऊँ भूर्भुवः स्वः पूर्णेन्दो इहागच्छ इह तिष्ठ

दाहिने हाथ में तेकुशा तथा अक्षत  लेकर ये मंत्र पढेगें - इसे केले के पत्ते पर उपर से बाएं तरफ रखते हुए ये मंत्र पढेगें - ऊँ भूर्भुवः स्वः पूर्णेन्दो इहागच्छ इह तिष्ठ

इत्यावाह्य एतानि पाद्यार्घाचमनीय-स्नानीय पुनराचमनीयानि ऊँ पूर्णेन्दवे नमः

अर्घा में जल  लेकर  ये मंत्र पढेगें - एतानि पाद्यार्घाचमनीय-स्नानीय पुनराचमनीयानि ऊँ पूर्णेन्दवे नमः

चन्दन  - इदमनुलेपनम् ऊँ पूर्णेन्दवे नमः 

दाहिने हाथ से फूल में चन्दन  लगाकर ये मंत्र  पढेंगे - इदमनुलेपनम् ऊँ पूर्णेन्दवे नमः

अक्षत - इदमक्षतम्  ऊँ पूर्णेन्दवे नमः

दाहिने हाथ में अक्षत लेकर ये मंत्र  पढेंगे- इदमक्षतम्  ऊँ पूर्णेन्दवे नमः

फूल – इदं पुष्पं/ एतानि पुष्पाणि ऊँ पूर्णेन्दवे नमः

दोनों हाथों को जोड़ते हुए फूल/फूलों को   लेकर  भगवान् का ध्यान करते हुए ये मंत्र  पढेंगें-  इदं पुष्पं/ एतानि पुष्पाणि ऊँ पूर्णेन्दवे नमः

बिल्वपत्र – इदं बिल्वपत्रं/ एतानि बिल्वपत्राणि ऊँ पूर्णेन्दवे नमः

एक बेलपत्र/बेलपत्रों को  लेकर ये मंत्र  पढेंगे- इदं बिल्वपत्रं/ एतानि बिल्वपत्राणि ऊँ पूर्णेन्दवे नमः 

दूर्वा ( दूबि) - इदं दूर्वादलं  / एतानि दूर्वादलानि ऊँ पूर्णेन्दवे नमः

एक दूर्वा/ अनेक दूर्वा को लेकर ये मंत्र पढेंगे इदं दूर्वादलं  / एतानि दूर्वादलानि ऊँ पूर्णेन्दवे नमः

एतानि गन्ध-पुष्प-धूप-दीप-ताम्बूल-यथाभाग-नानाविधनैवेद्यानि ऊँ पूर्णेन्दवे नमः

अर्घा में जल लेकर  ये मंत्र पढेंगे - एतानि गन्ध-पुष्प-धूप-दीप-ताम्बूल-यथाभाग-नानाविधनैवेद्यानि ऊँ पूर्णेन्दवे नमः

 

जल – इदमाचमनीयम्  ऊँ पूर्णेन्दवे नमः

अर्घा में जल को लेकर  ये मंत्र  पढेंगे - इदमाचमनीयम्  ऊँ पूर्णेन्दवे नमः

पुष्प - एष पुष्पाञ्जलिः ऊँ पूर्णेन्दवे नमः

फूल  हाथ में लेकर भगवान् का ध्यान करते हुए ये मंत्र  पढेंगे - एष पुष्पाञ्जलिः ऊँ पूर्णेन्दवे नमः

 

सभार्यरुद्रपूजन-

 

त्रिकुशहस्तः अक्षतान्यादायः- ऊँ भूर्भुवः स्वः सभार्यरुद्र इहागच्छ इह तिष्ठ

दाहिने हाथ में तेकुशा तथा अक्षत  लेकर ये मंत्र पढेगें - इसे केले के पत्ते पर उपर से बाएं तरफ रखते हुए ये मंत्र पढेगें - ऊँ भूर्भुवः स्वः सभार्यरुद्र इहागच्छ इह तिष्ठ

इत्यावाह्य एतानि पाद्यार्घाचमनीय-स्नानीय पुनराचमनीयानि ऊँ सभार्यरुद्राय नमः

अर्घा में जल  लेकर  ये मंत्र पढेगें - एतानि पाद्यार्घाचमनीय-स्नानीय पुनराचमनीयानि ऊँ सभार्यरुद्राय नमः

चन्दन  - इदमनुलेपनम् ऊँ सभार्यरुद्राय नमः

दाहिने हाथ से फूल में चन्दन  लगाकर ये मंत्र  पढेंगे - इदमनुलेपनम् ऊँ सभार्यरुद्राय नमः

 

अक्षत - इदमक्षतम्  ऊँ सभार्यरुद्राय नमः

दाहिने हाथ में अक्षत लेकर ये मंत्र  पढेंगे- इदमक्षतम्  ऊँ सभार्यरुद्राय नमः

फूल – इदं पुष्पं/ एतानि पुष्पाणि ऊँ सभार्यरुद्राय नमः

दोनों हाथों को जोड़ते हुए फूल/फूलों को   लेकर  भगवान् का ध्यान करते हुए ये मंत्र  पढेंगें-  इदमक्षतम्  ऊँ सभार्यरुद्राय नमः

बिल्वपत्र – इदं बिल्वपत्रं/ एतानि बिल्वपत्राणि ऊँ सभार्यरुद्राय नमः

एक बेलपत्र/बेलपत्रों को  लेकर ये मंत्र  पढेंगे- इदं बिल्वपत्रं/ एतानि बिल्वपत्राणि ऊँ सभार्यरुद्राय नमः

  

दूर्वा ( दूबि) - इदं दूर्वादलं  / एतानि दूर्वादलानि ऊँ सभार्यरुद्राय नमः

एक दूर्वा/ अनेक दूर्वा को लेकर ये मंत्र पढेंगे इदं दूर्वादलं  / एतानि दूर्वादलानि ऊँ सभार्यरुद्राय नमः

एतानि गन्ध-पुष्प-धूप-दीप-ताम्बूल-यथाभाग-नानाविधनैवेद्यानि ऊँ सभार्यरुद्राय नमः

अर्घा में जल लेकर  ये मंत्र पढेंगे - एतानि गन्ध-पुष्प-धूप-दीप-ताम्बूल-यथाभाग-नानाविधनैवेद्यानि ऊँ सभार्यरुद्राय नमः

 

जल – इदमाचमनीयम् ऊँ सभार्यरुद्राय नमः

अर्घा में जल को लेकर  ये मंत्र  पढेंगे - इदमाचमनीयम् ऊँ सभार्यरुद्राय नमः

 

पुष्प - एष पुष्पाञ्जलिः ऊँ सभार्यरुद्राय नमः

फूल  हाथ में लेकर भगवान् का ध्यान करते हुए ये मंत्र  पढेंगे - एष पुष्पाञ्जलिः ऊँ सभार्यरुद्राय नमः

 

 

स्कन्दपूजन-

त्रिकुशहस्तः अक्षतान्यादायः- ऊँ भूर्भुवः स्वः स्कन्द इहागच्छ इह तिष्ठ

दाहिने हाथ में तेकुशा तथा अक्षत  लेकर ये मंत्र पढेगें - इसे केले के पत्ते पर उपर से बाएं तरफ रखते हुए ये मंत्र पढेगें - ऊँ भूर्भुवः स्वः स्कन्द इहागच्छ इह तिष्ठ

 

इत्यावाह्य एतानि पाद्यार्घाचमनीय-स्नानीय पुनराचमनीयानि ऊँ स्कन्दाय नमः

अर्घा में जल  लेकर  ये मंत्र पढेगें - एतानि पाद्यार्घाचमनीय-स्नानीय पुनराचमनीयानि ऊँ स्कन्दाय नमः

 

चन्दन  - इदमनुलेपनम् ऊँ स्कन्दाय नमः

दाहिने हाथ से फूल में चन्दन  लगाकर ये मंत्र  पढेंगे - इदमनुलेपनम् ऊँ स्कन्दाय नमः

 

अक्षत - इदमक्षतम्  ऊँ स्कन्दाय नमः

दाहिने हाथ में अक्षत लेकर ये मंत्र  पढेंगे- इदमक्षतम्  ऊँ स्कन्दाय नमः

फूल – इदं पुष्पं/ एतानि पुष्पाणि ऊँ स्कन्दाय नमः

दोनों हाथों को जोड़ते हुए फूल/फूलों को   लेकर  भगवान् का ध्यान करते हुए ये मंत्र  पढेंगें-  इदं पुष्पं/ एतानि पुष्पाणि ऊँ स्कन्दाय नमः

बिल्वपत्र – इदं बिल्वपत्रं/ एतानि बिल्वपत्राणि ऊँ स्कन्दाय नमः

एक बेलपत्र/बेलपत्रों को  लेकर ये मंत्र  पढेंगे- इदं बिल्वपत्रं/ एतानि बिल्वपत्राणि ऊँ स्कन्दाय नमः

  

दूर्वा ( दूबि) - इदं दूर्वादलं  / एतानि दूर्वादलानि ऊँ स्कन्दाय नमः

एक दूर्वा/ अनेक दूर्वा को लेकर ये मंत्र पढेंगे इदं दूर्वादलं  / एतानि दूर्वादलानि ऊँ स्कन्दाय नमः

एतानि गन्ध-पुष्प-धूप-दीप-ताम्बूल-यथाभाग-नानाविधनैवेद्यानि ऊँ स्कन्दाय नमः

अर्घा में जल लेकर  ये मंत्र पढेंगे - एतानि गन्ध-पुष्प-धूप-दीप-ताम्बूल-यथाभाग-नानाविधनैवेद्यानि ऊँ स्कन्दाय नमः

 

जल – इदमाचमनीयम् ऊँ स्कन्दाय  नमः

अर्घा में जल को लेकर  ये मंत्र  पढेंगे - इदमाचमनीयम् ऊँ स्कन्दाय  नमः

पुष्प - एष पुष्पाञ्जलिः  ऊँ स्कन्दाय नमः

फूल  हाथ में लेकर भगवान् का ध्यान करते हुए ये मंत्र  पढेंगे - एष पुष्पाञ्जलिः ऊँ स्कन्दाय नमः

 

 

नन्दीश्वरमुनिपूजन-

 

त्रिकुशहस्तः अक्षतान्यादायः- ऊँ भूर्भुवः स्वः नन्दीश्वरमुने इहागच्छ इह तिष्ठ

दाहिने हाथ में तेकुशा तथा अक्षत  लेकर ये मंत्र पढेगें - इसे केले के पत्ते पर उपर से बाएं तरफ रखते हुए ये मंत्र पढेगें - ऊँ भूर्भुवः स्वः नन्दीश्वरमुने इहागच्छ इह तिष्ठ

इत्यावाह्य एतानि पाद्यार्घाचमनीय-स्नानीय पुनराचमनीयानि ऊँ नन्दीश्वरमुनये  नमः

अर्घा में जल  लेकर  ये मंत्र पढेगें - इत्यावाह्य एतानि पाद्यार्घाचमनीय-स्नानीय पुनराचमनीयानि ऊँ नन्दीश्वरमुनये  नमः

चन्दन  - इदमनुलेपनम् ऊँ नन्दीश्वरमुनये नमः

दाहिने हाथ से फूल में चन्दन  लगाकर ये मंत्र  पढेंगे - इदमनुलेपनम् ऊँ नन्दीश्वरमुनये नमः

 

अक्षत - इदमक्षतम्  ऊँ नन्दीश्वरमुनये नमः

दाहिने हाथ में अक्षत लेकर ये मंत्र  पढेंगे- इदमक्षतम्  ऊँ नन्दीश्वरमुनये नमः

फूल – इदं पुष्पं/ एतानि पुष्पाणि ऊँ नन्दीश्वरमुनये नमः

दोनों हाथों को जोड़ते हुए फूल/फूलों को   लेकर  भगवान् का ध्यान करते हुए ये मंत्र  पढेंगें-  इदं पुष्पं/ एतानि पुष्पाणि ऊँ नन्दीश्वरमुनये नमः

बिल्वपत्र – इदं बिल्वपत्रं/ एतानि बिल्वपत्राणि ऊँ नन्दीश्वरमुनये नमः

एक बेलपत्र/बेलपत्रों को  लेकर ये मंत्र  पढेंगे- इदं बिल्वपत्रं/ एतानि बिल्वपत्राणि ऊँ नन्दीश्वरमुनये नमः

  

दूर्वा ( दूबि) - इदं दूर्वादलं  / एतानि दूर्वादलानि ऊँ नन्दीश्वरमुनये नमः

एक दूर्वा/ अनेक दूर्वा को लेकर ये मंत्र पढेंगे इदं दूर्वादलं  / एतानि दूर्वादलानि ऊँ नन्दीश्वरमुनये नमः

एतानि गन्ध-पुष्प-धूप-दीप-ताम्बूल-यथाभाग-नानाविधनैवेद्यानि ऊँ नन्दीश्वरमुनये नमः

अर्घा में जल लेकर  ये मंत्र पढेंगे - एतानि गन्ध-पुष्प-धूप-दीप-ताम्बूल-यथाभाग-नानाविधनैवेद्यानि ऊँ नन्दीश्वरमुनये नमः

 

जल – इदमाचमनीयम् ऊँ नन्दीश्वरमुनये नमः

अर्घा में जल को लेकर  ये मंत्र  पढेंगे - इदमाचमनीयम् ऊँ नन्दीश्वरमुनये नमः

पुष्प - एष पुष्पाञ्जलिः ऊँ नन्दीश्वरमुनये नमः

फूल  हाथ में लेकर भगवान् का ध्यान करते हुए ये मंत्र  पढेंगे - एष पुष्पाञ्जलिः ऊँ नन्दीश्वरमुनये नमः

 

 

सुरभिपूजन-

 

त्रिकुशहस्तः अक्षतान्यादायः- ऊँ भूर्भुवः स्वः सुरभे इहागच्छ इह तिष्ठ

दाहिने हाथ में तेकुशा तथा अक्षत  लेकर ये मंत्र पढेगें - इसे केले के पत्ते पर उपर से बाएं तरफ रखते हुए ये मंत्र पढेगें - ऊँ भूर्भुवः स्वः सुरभे इहागच्छ इह तिष्ठ

 

इत्यावाह्य एतानि पाद्यार्घाचमनीय-स्नानीय पुनराचमनीयानि ऊँ सुरभ्यै  नमः

अर्घा में जल  लेकर  ये मंत्र पढेगें - एतानि पाद्यार्घाचमनीय-स्नानीय पुनराचमनीयानि ऊँ सुरभ्यै  नमः

 

चन्दन  - इदमनुलेपनम् ऊँ सुरभ्यै नमः

दाहिने हाथ से फूल में चन्दन  लगाकर ये मंत्र  पढेंगे - इदमनुलेपनम् ऊँ सुरभ्यै नमः

 

अक्षत - इदमक्षतम्  ऊँ सुरभ्यै नमः

दाहिने हाथ में अक्षत लेकर ये मंत्र  पढेंगे- इदमक्षतम्  ऊँ सुरभ्यै नमः

 

फूल – इदं पुष्पं/ एतानि पुष्पाणि ऊँ सुरभ्यै नमः

दोनों हाथों को जोड़ते हुए फूल/फूलों को   लेकर  भगवान् का ध्यान करते हुए ये मंत्र  पढेंगें-  इदं पुष्पं/ एतानि पुष्पाणि ऊँ सुरभ्यै नमः

 

बिल्वपत्र – इदं बिल्वपत्रं/ एतानि बिल्वपत्राणि ऊँ सुरभ्यै नमः

एक बेलपत्र/बेलपत्रों को  लेकर ये मंत्र  पढेंगे- इदं बिल्वपत्रं/ एतानि बिल्वपत्राणि ऊँ सुरभ्यै नमः

  

दूर्वा ( दूबि) - इदं दूर्वादलं  / एतानि दूर्वादलानि ऊँ सुरभ्यै नमः

एक दूर्वा/ अनेक दूर्वा को लेकर ये मंत्र पढेंगे इदं दूर्वादलं  / एतानि दूर्वादलानि ऊँ सुरभ्यै नमः

 

एतानि गन्ध-पुष्प-धूप-दीप-ताम्बूल-यथाभाग-नानाविधनैवेद्यानि ऊँ सुरभ्यै नमः

अर्घा में जल लेकर  ये मंत्र पढेंगे - एतानि गन्ध-पुष्प-धूप-दीप-ताम्बूल-यथाभाग-नानाविधनैवेद्यानि ऊँ सुरभ्यै नमः

 

जल – इदमाचमनीयम् ऊँ सुरभ्यै नमः

अर्घा में जल को लेकर  ये मंत्र  पढेंगे - इदमाचमनीयम् ऊँ सुरभ्यै नमः

 

पुष्प - एष पुष्पाञ्जलिः ऊँ सुरभ्यै नमः

फूल  हाथ में लेकर भगवान् का ध्यान करते हुए ये मंत्र  पढेंगे - एष पुष्पाञ्जलिः ऊँ सुरभ्यै नमः

 

 

निकुम्भपूजन-

 

त्रिकुशहस्तः अक्षतान्यादायः- ऊँ भूर्भुवः स्वः निकुम्भ इहागच्छ इह तिष्ठ

दाहिने हाथ में तेकुशा तथा अक्षत  लेकर ये मंत्र पढेगें - इसे केले के पत्ते पर उपर से बाएं तरफ रखते हुए ये मंत्र पढेगें - ऊँ भूर्भुवः स्वः निकुम्भ इहागच्छ इह तिष्ठ

 

इत्यावाह्य एतानि पाद्यार्घाचमनीय-स्नानीय पुनराचमनीयानि ऊँ निकुम्भाय नमः

अर्घा में जल  लेकर  ये मंत्र पढेगें - एतानि पाद्यार्घाचमनीय-स्नानीय पुनराचमनीयानि ऊँ निकुम्भाय नमः

 

चन्दन  - इदमनुलेपनम् ऊँ निकुम्भाय नमः

दाहिने हाथ से फूल में चन्दन  लगाकर ये मंत्र  पढेंगे - इदमनुलेपनम् ऊँ निकुम्भाय नमः

 

अक्षत - इदमक्षतम्  ऊँ निकुम्भाय नमः

दाहिने हाथ में अक्षत लेकर ये मंत्र  पढेंगे- इदमक्षतम्  ऊँ निकुम्भाय नमः

 

फूल – इदं पुष्पं/ एतानि पुष्पाणि ऊँ निकुम्भाय नमः

दोनों हाथों को जोड़ते हुए फूल/फूलों को   लेकर  भगवान् का ध्यान करते हुए ये मंत्र  पढेंगें-  इदं पुष्पं/ एतानि पुष्पाणि ऊँ निकुम्भाय नमः

 

बिल्वपत्र – इदं बिल्वपत्रं/ एतानि बिल्वपत्राणि ऊँ निकुम्भाय नमः

एक बेलपत्र/बेलपत्रों को  लेकर ये मंत्र  पढेंगे- इदं बिल्वपत्रं/ एतानि बिल्वपत्राणि ऊँ निकुम्भाय नमः 

 

दूर्वा ( दूबि) - इदं दूर्वादलं  / एतानि दूर्वादलानि ऊँ निकुम्भाय नमः

एक दूर्वा/ अनेक दूर्वा को लेकर ये मंत्र पढेंगे - इदं दूर्वादलं  / एतानि दूर्वादलानि ऊँ निकुम्भाय नमः

 

एतानि गन्ध-पुष्प-धूप-दीप-ताम्बूल-यथाभाग-नानाविधनैवेद्यानि ऊँ निकुम्भाय नमः

अर्घा में जल लेकर  ये मंत्र पढेंगे - एतानि गन्ध-पुष्प-धूप-दीप-ताम्बूल-यथाभाग-नानाविधनैवेद्यानि ऊँ निकुम्भाय नमः

 

जल – इदमाचमनीयम् ऊँ निकुम्भाय नमः

अर्घा में जल को लेकर  ये मंत्र  पढेंगे - इदमाचमनीयम् ऊँ निकुम्भाय नमः

 

पुष्प - एष पुष्पाञ्जलिः ऊँ निकुम्भाय नमः

फूल  हाथ में लेकर भगवान् का ध्यान करते हुए ये मंत्र  पढेंगे - एष पुष्पाञ्जलिः ऊँ निकुम्भाय नमः

अथ लक्ष्मीपूजा-

 

तद्यथा, पुष्पं गृहीत्वा- हाथ में फुल लेकर पढें

 

ओं या सा पद्मासनस्था विपुलकटितटी पद्मपत्रायताक्षी, गम्भीरावर्तनाभिः स्तनभरनमिता शुभ्रवस्त्रोत्तरीया    ।

लक्ष्मीर्दिव्यैर्गजेन्द्रैर्मणिगणखचितैः स्नापिता हेमकुम्भैः, नित्यं सा पद्महस्ता वसतु मम गृहे सर्वमांगल्ययुक्ता ।।

 

मन्त्र को पढकर पुष्प चढानें के बाद अक्षत लेकर मन्त्र पढें

ऊँ भूर्भुवः स्वर्लक्ष्मि इहागच्छ इह तिष्ठ।

 

लक्ष्मी की प्रतिमा हो तो प्रतिमा पर, नहीं तो पत्ता पर पूजन करें।

इत्यावाह्य एतानि पाद्यार्घाचमनीय-स्नानीय पुनराचमनीयानि ऊँ लक्ष्म्यै नमः

अर्घा में जल  लेकर  ये मंत्र पढेगें

 

दाहिने हाथ से फूल में चन्दन  लगाकर ये मंत्र  पढेंगे

चन्दन  - इदमनुलेपनम् ऊँ लक्ष्म्यै नमः

 

मन्त्र पढते हुए सिन्दुर चढावें

सिन्दुर- इदं सिन्दुराभरणं ओं लक्ष्म्यै नमः

 

अक्षत - मन्त्र पढते हुए अक्षत चढावें

इदमक्षतम्  ऊँ लक्ष्म्यै नमः

 

पुष्पमादाय- मन्त्र पढते हुए तीनबार पुष्प चढावें ।

ओं मन्दारपारिजाताद्यैरनेकैः कुसुमैः शुभे। पूजयामि शिवे भक्त्या कमलायै नमो नमः।।

 

वस्त्रमादाय- मन्त्र पढते हुए वस्त्र चढावें।

इदं रक्तवस्त्रं ओं लक्ष्म्यै नमः

 

एक बेलपत्र/बेलपत्रों को  लेकर ये मंत्र  पढेंगे

बिल्वपत्र – इदं बिल्वपत्रं/ एतानि बिल्वपत्राणि ऊँ लक्ष्म्यै नमः

 

माल्यम्- माला लेकर मन्त्र पढेंगे।

इदं पुष्पमाल्यं ओं लक्ष्म्यै नमः

 

धूपं गृहीत्वा- धूप लेकर मन्त्र पढेंगे।

एष धूपः ओं लक्ष्म्यै नमः।

 

दीपं गृहीत्वा- दीप को दिखाते हुए मन्त्र पढेंगे ।

एष दीपः ओं लक्ष्म्यै नमः।

 

अर्घा में जल लेकर  ये मंत्र पढेंगे

एतानि गन्ध-पुष्प-धूप-दीप-ताम्बूल-यथाभाग-नानाविधनैवेद्यानि ऊँ लक्ष्म्यै नमः

 

अर्घा में जल को लेकर  ये मंत्र  पढेंगे –

जल – इदमाचमनीयम् ऊँ लक्ष्म्यै नमः

 

जलमादाय- अर्घा में जल को लेकर  ये मंत्र  पढेंगे

एतानि नानाविधपक्वान्नसहितनारिकेलोदक-सहित-नानाफलानि ओं लक्ष्म्यै नमः।

 

जलमादाय- अर्घा में जल को लेकर  ये मंत्र  पढेंगे।

एतानि ताम्बूलादीनि ओं लक्ष्म्यै नमः।

 

अर्घा में जल को लेकर  ये मंत्र  पढेंगे।

जल – इदमाचमनीयम् ऊँ लक्ष्म्यै नमः

 

पुष्पमादाय- फूल  हाथ में लेकर ध्यान करते हुए तीनबार  मन्त्र पढकर पुष्प चढाएंगे।

ओं नमस्ते सर्वभूतानां वरदासि हरिप्रिय। या गतिस्त्वत्प्रपन्नानां सा मे भूयात्त्वदर्चनात्।। पुष्प - एष पुष्पाञ्जलिः

ऊँ लक्ष्म्यै नमः

 

पुष्पमादाय- फूल  हाथ में लेकर ध्यान करते हुए ये मंत्र  पढेंगे।

ओं रूपं देहि यशो देहि भाग्यं भगवति देहि मे। धर्मान् देहि धनं देहि सर्वान् कामान् प्रदेहि मे।।

 

पुष्पमादाय- फूल  हाथ में लेकर प्रणाम करते हुए ये मंत्र  पढेंगे।

ओं विश्वरूपस्य भार्यासि पद्मे पद्मालये शुभे । सर्वतः पाहि मां देवि महालक्ष्मि नमोस्तु ते ।।

 

इन्द्रपूजन-

 

त्रिकुशहस्तः अक्षतान्यादायः- ऊँ भूर्भुवः स्वः इन्द्र इहागच्छ इह तिष्ठ

दाहिने हाथ में तेकुशा तथा अक्षत  लेकर ये मंत्र पढेगें - इसे केले के पत्ते पर उपर से बाएं तरफ रखते हुए ये मंत्र पढेगें - ऊँ भूर्भुवः स्वः इन्द्र इहागच्छ इह तिष्ठ

 

इत्यावाह्य एतानि पाद्यार्घाचमनीय-स्नानीय पुनराचमनीयानि ऊँ इन्द्राय नमः

अर्घा में जल  लेकर  ये मंत्र पढेगें - एतानि पाद्यार्घाचमनीय-स्नानीय पुनराचमनीयानि ऊँ इन्द्राय नमः

 

चन्दन  - इदमनुलेपनम् ऊँ इन्द्राय नमः

दाहिने हाथ से फूल में चन्दन  लगाकर ये मंत्र  पढेंगे - इदमनुलेपनम् ऊँ इन्द्राय नमः

 

अक्षत - इदमक्षतम्  ऊँ इन्द्राय नमः

दाहिने हाथ में अक्षत लेकर ये मंत्र  पढेंगे- इदमक्षतम्  ऊँ इन्द्राय नमः

 

फूल – इदं पुष्पं/ एतानि पुष्पाणि ऊँ इन्द्राय नमः

दोनों हाथों को जोड़ते हुए फूल/फूलों को   लेकर  भगवान् का ध्यान करते हुए ये मंत्र  पढेंगें-  इदं पुष्पं/ एतानि पुष्पाणि ऊँ इन्द्राय नमः

 

बिल्वपत्र – इदं बिल्वपत्रं/ एतानि बिल्वपत्राणि ऊँ इन्द्राय नमः

एक बेलपत्र/बेलपत्रों को  लेकर ये मंत्र  पढेंगे- इदं बिल्वपत्रं/ एतानि बिल्वपत्राणि ऊँ इन्द्राय नमः

  

दूर्वा ( दूबि) - इदं दूर्वादलं  / एतानि दूर्वादलानि ऊँ इन्द्राय नमः

एक दूर्वा/ अनेक दूर्वा को लेकर ये मंत्र पढेंगे इदं दूर्वादलं  / एतानि दूर्वादलानि ऊँ इन्द्राय नमः

 

एतानि गन्ध-पुष्प-धूप-दीप-ताम्बूल-यथाभाग-नानाविधनैवेद्यानि ऊँ इन्द्राय नमः

अर्घा में जल लेकर  ये मंत्र पढेंगे - एतानि गन्ध-पुष्प-धूप-दीप-ताम्बूल-यथाभाग-नानाविधनैवेद्यानि ऊँ इन्द्राय नमः

 

जल – इदमाचमनीयम् ऊँ इन्द्राय नमः

अर्घा में जल को लेकर  ये मंत्र  पढेंगे - इदमाचमनीयम् ऊँ इन्द्राय नमः

पुष्प - एष पुष्पाञ्जलिः ऊँ इन्द्राय नमः 

फूल  हाथ में लेकर भगवान् का ध्यान करते हुए ये मंत्र  पढेंगे - एष पुष्पाञ्जलिः ऊँ इन्द्राय नमः

 

 

कुबेरपूजन-

 

त्रिकुशहस्तः अक्षतान्यादायः- ऊँ भूर्भुवः स्वः कुबेर इहागच्छ इह तिष्ठ

दाहिने हाथ में तेकुशा तथा अक्षत  लेकर ये मंत्र पढेगें - इसे केले के पत्ते पर उपर से बाएं तरफ रखते हुए ये मंत्र पढेगें - ऊँ भूर्भुवः स्वः कुबेर इहागच्छ इह तिष्ठ

इत्यावाह्य एतानि पाद्यार्घाचमनीय-स्नानीय पुनराचमनीयानि ऊँ कुबेराय नमः

अर्घा में जल  लेकर  ये मंत्र पढेगें - एतानि पाद्यार्घाचमनीय-स्नानीय पुनराचमनीयानि ऊँ कुबेराय नमः

चन्दन  - इदमनुलेपनम् ऊँ कुबेराय नमः

दाहिने हाथ से फूल में चन्दन  लगाकर ये मंत्र  पढेंगे - इदमनुलेपनम् ऊँ कुबेराय नमः

 

अक्षत - इदमक्षतम्  ऊँ कुबेराय नमः

दाहिने हाथ में अक्षत लेकर ये मंत्र  पढेंगे- इदमक्षतम्  ऊँ कुबेराय नमः

फूल – इदं पुष्पं/ एतानि पुष्पाणि ऊँ कुबेराय नमः

दोनों हाथों को जोड़ते हुए फूल/फूलों को   लेकर  भगवान् का ध्यान करते हुए ये मंत्र  पढेंगें-  इदं पुष्पं/ एतानि पुष्पाणि ऊँ कुबेराय नमः

बिल्वपत्र – इदं बिल्वपत्रं/ एतानि बिल्वपत्राणि ऊँ कुबेराय नमः

एक बेलपत्र/बेलपत्रों को  लेकर ये मंत्र  पढेंगे- इदं बिल्वपत्रं/ एतानि बिल्वपत्राणि ऊँ कुबेराय नमः

  

दूर्वा ( दूबि) - इदं दूर्वादलं  / एतानि दूर्वादलानि ऊँ कुबेराय नमः

एक दूर्वा/ अनेक दूर्वा को लेकर ये मंत्र पढेंगे इदं दूर्वादलं  / एतानि दूर्वादलानि ऊँ कुबेराय नमः

एतानि गन्ध-पुष्प-धूप-दीप-ताम्बूल-यथाभाग-नानाविधनैवेद्यानि ऊँ कुबेराय नमः

अर्घा में जल लेकर  ये मंत्र पढेंगे - एतानि गन्ध-पुष्प-धूप-दीप-ताम्बूल-यथाभाग-नानाविधनैवेद्यानि ऊँ कुबेराय नमः

 

जल – इदमाचमनीयम् ऊँ कुबेराय नमः

अर्घा में जल को लेकर  ये मंत्र  पढेंगे - इदमाचमनीयम् ऊँ कुबेराय नमः

 

पुष्प - एष पुष्पाञ्जलिः ऊँ कुबेराय नमः

फूल  हाथ में लेकर भगवान् का ध्यान करते हुए ये मंत्र  पढेंगे -  एष पुष्पाञ्जलिः ऊँ कुबेराय नमः

 

आरती-

 

आरती श्री लक्ष्मी जी की 

 

 

विसर्जन-

 

ओं यान्तु देवगणाः सर्वे पूजामादाय मामकीम् । इष्टकामप्रसिद्ध्यर्थं पुनरागमनाय च ।।

ओं पूजितदेवताः पूजिताः स्थ क्षमध्वं स्वस्थानं गच्छत। 

लक्ष्मी को छोरकर शेष सभी का विसर्जन मन्त्र पढते हुए जल लेकर करें।

ओं श्रीर्मयि रमस्व।

इस मन्त्र को पढकर लक्ष्मी का विसर्जन करें जल लेकर।

 

दक्षिणा-

कुशत्रय-तिल-जल-द्रव्यादिन्यादाय-ओं कृतैतदंग-देवता-पूजा-पूर्वक-श्रीलक्ष्मी-पूजन-कर्म-प्रतिष्ठार्थ-मेतावद्-द्रव्यमूल्यक-हिरण्यमग्नि-दैवतं यथानाम-गोत्राय ब्राह्मणाय दक्षिणा-महन्ददे।

इस मन्त्र को पढते हुए दक्षिणा करें।

 

इति कोजागरालक्ष्मीपूजा समाप्ता

 

डा.प्रमोद कुमार मिश्र

सहायक प्राचार्य साहित्य

म.अ.रमेश्वरलतासंस्कृतमहाविद्यालय

दरभंगा

bottom of page