Pandit | Pandit Online
top of page

।। आरती ।।

 

आरती श्री गणेशजी की

जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा

माता जाकी पार्वती पिता महादेवा  ।।

लडडूवन के भोग लगे सनत करें सेवा ।।जय० ।।

 

एकदन्त दयावन्त चार भुजा धारी, मस्तक सिन्दूर सोहे मूसे की सवारी ।।जय० ।।

अन्धन को आँख देत कोढ़िन को काया, बाँझन को पुत्र देत निर्धन को माया ।।जय०।।

लडड्वन के भोग लगे सन्त करें सेवा, हार चढ़े फूल चढ़े और चढ़े मेवा ।।जय०।।

दीनन की लाज राख शम्भु-सुत वारी, कामना को करो जग बलिहारी ।।जय० ।।

bottom of page